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प्रसन्न रहने की कला प्राचीनकाल में एक संत थे । धर्मश्रधा के कारण सदा प्रसन्न रहते, चहेरे से उल्लास टपकता रहता । चोरों ने समझा उनके पास कोई बड़ी दौलत है, ...